अमरबेल प्रबंधन
अमरबेल एक परजीवी पौधा है जो अपने पास उग रहे दूसरे पौधों के तनों में अपनी जड़े घुसा कर उन पौधों का पोषण को अवशोषित कर फसल को खराब कर देता है यह अपने पोषण के लिए दूसरे पौधों पर निर्भर रहता है इस बेल को कई बड़े वृक्षों पर भी देखा जा सकता है और इसके बीज कई लंबे समय तक मिट्टी में सुरक्षित रहते हैं वह पुनः अंकुरित होकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं एक अमरबेल से 50000 से लेकर 120000 तक बीच पैदा हो जाते हैं इनका सही समय पर निराकर ना किया जाए तो यह प्रतिवर्ष आप की फसल को खराब करता रहता है यह मुख्यतः राम तिल, अरहर, तिल, सोयाबीन जैसी फसलों में इसका प्रकोप देखा जाता है जिससे फसल पैदावार में काफी कमी आती है
अमरबेल को नियंत्रण करने की विधि
अमरबेल का प्रकोप होने पर इसके बीच बनने से पहले ही इसे उखाड़ कर जला दे तथा अधिक प्रकोप होने पर फेरों से खरपतवार को नष्ट कर दें वह ध्यान रखें की पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे में अमरबेल ना खिलाई गई हो वह गोबर की अच्छी साड़ी खाद ही प्रयोग करें जिसमें खरपतवार के बीच नष्ट हो चुके हो अधिक प्रभावित क्षेत्रों में आप घास वाली फसलें जैसे गेहूं, धान, बाजरा, ज्वार, मक्का आदि हो सकते हैं इन पर अमरबेल का प्रकोप नहीं रहता इससे अमरबेल को पोषण ना मिलने से वह स्वयं ही नष्ट हो जाएगी फसल चक्र सभी को अपनाना चाहिए जिससे खरपतवार के निवारण में सहायता होती है