लहसुन और मिर्ची की मिश्रित खेती कर कमाए 2 गुना लाभ
लहसुन और मिर्ची दोनों मसाला फसलें हैं साथ ही नशा एक औषधि फसल भी है जिसके अनेक फायदे हैं यह कैंसर से भी आप को बचाता है यह एक एंटी फंगल प्रॉपर्टीज होने के कारण कई औषधि दवाइयों में उपयोग किया जाता है वह इन दोनों की मिश्रित खेती पर आप 2 गुना लाभ ले सकते हैं बढ़ती हुई मांग के कारण आज बहुत सारे किसान उसकी मिश्रित खेती करने लगे हैं जिसमें लहसुन को क्यारियों में लगाया जाता है वह कुछ समय बाद मिर्ची को क्यारियों के बीच में लगाया जाता है जिससे जिससे ग्रीष्म ऋतु में मिर्ची की फसल ली जाती है
लहसुन की खेती कहां की जा सकती है
लहसुन की खेती हमारे देश में वैसे तो कई स्थानों पर की जाती है किंतु अधिक गर्मी या अधिक ठंड वाले मौसम वाले स्थानों में इसकी खेती नहीं की जा सकती लहसुन की फसल डेढ़ सौ दिन में तैयार हो जाती हैं जिसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर 100 - 200 क्विंटल तक उपज प्राप्त होती है
खेत को तैयार करना
लहसुन की बुवाई करने से पहले अच्छी तरह गहरी जुताई कर ले गोबर के अच्छी साड़ी खाद को बिखेर कर रोटावेटर की सहायता से मिट्टी को भुरभुरी कर दे जिससे लहसुन की गांठ का विकास अच्छा होता है वह जैविक खेती करने वाले सिंचाई के बाद इसमें पोटाश बैक्टीरिया और नाइट्रोजन के बैक्टीरिया का छिड़काव करें जिससे पैदावार में बढ़ोतरी होगी
कैसे करें लहसुन की खेती
वर्षा ऋतु समाप्त होने के बाद इसकी बुवाई की जाती है जिसमें लहसुन के अलग-अलग कलियों को खेत में बोया जाता है इसे मशीन या फिर मजदूरों की सहायता से बुवाई कर सकते हैं बुवाई में ध्यान रखें कि हर एक बीज 3 से 4 इंच की दूरी पर हो और बुवाई करने से पहले यह भी ध्यान रखें कि बीच को अच्छी तरह उपचारित कर ले जिससे उसमें भविष्य में आने वाली बीमारियों से बचा जा सके वह इसमें हर 30 दिन में पोटाश फास्फोरस और सल्फर के आवश्यकता होती है जिसका आप अपनी समय अनुसार दे सकते हैं और खरपतवार का भी ध्यान रखें समय-समय पर नींद आए गुड़ाई करते रहे हैं वह लहसुन में पानी की आवश्यकता भी थोड़ी अधिक होती है जिन किसानों के पास कम पानी है इसमें मिनी स्प्रिंकलर की सहायता से सिंचाई कर सकते हैं जिससे पानी की भी बचत होती है और कई बीमारियों से भी पौधा बचा रहता है वह पौधे पर चढ़ने वाले कीड़े मकोड़ों से भी उसकी रक्षा होती है संभव हो तो सभी जगह मिनी स्प्रिंकलर से इसकी सिंचाई करें जिससे लहसुन की गांठ का विकास भी अच्छा होता है वह मिट्टी भुरभुरी बनी रहती हैं तो इसकी फसल को खेत से निकालने में भी आसानी रहती है
कीट एव रोगों से बचाव
मुख्यतः लहसुन की फसल में टिप्स या रस चूसक कीट का आक्रमण होता है पत्ते के निचले हिस्सों में छुप कर बैठे होते हैं जिन्हें देखना थोड़ा कठिन है और यह पत्तों का रस चूसते रहते हैं जिससे पत्ते पीले होने लगते हैं उस समय से पहले पत्ते पीले हो तो आप पर ध्यान करें तो हो सकता है वह त्रिप्स हो वॉइस से बचाव के लिए आप निम्न द्वारा निर्मित कीटनाशक का उपयोग कर सकते हैं जिसे आप किसी कृषि सेवा केंद्र से मिलकर ला सकते हैं इसका छिड़काव हर तीसरे चौथे दिन करें वह ध्यान रखें कि इसका छिड़काव या तो सुबह करें या फिर शाम को करें जब चिप्स बाहर निकलते हैं तब उनके ऊपर छिड़काव करना और लाभप्रद होता है या फिर आप मिर्ची पाउडर को उबालकर फिर उसे छानकर भी इसका छिड़काव कर सकते हैं
गाठो की खुदाई व उपज का रखरखाव
लहसुन की फसल 150 से 80 दिन में तैयार हो जाती है इसके पौधे पीले पड़ने लगते हैं उसके बाद इसमें सिंचाई करना बंद कर दें वह इसके पत्तों से पकड़ कर इसकी गाटो को जमीन से निकाल ले छांव में तीन से चार दिन सूखने के बाद इनकी बातों से 3 सेंटीमीटर दूर पत्तों को बीच से काटकर और नीचे की जड़ों को काट कर इनकी सफाई कर ले इन्हें इसी छांव दार खुले स्थान पर रखें जहां यह थोड़ी और सूखने के बाद सात से आठ महीनों के लिए आप इनका भंडारण कर सकते हैं विशेष ध्यान रखें कि भंडारण वाले स्थान पर हवा का विकास भी हो पूरी तरह बंद कमरों में लहसुन रखने से वह खराब हो जाती है वह उसके अंदर की कलियां काली होने लगती हैं जिसका बाजार में कोई खास आभाव नहीं मिलता तो उसे अच्छी तरह से रखरखाव करें एक अच्छा मुनाफा कमाए
साथ में कैसे करें मिर्ची की खेती
साथ में मिर्ची की खेती करने के लिए मिर्ची को क्यारियों के बीच वाली मेड पर बो सकते हैं जिससे लहसुन के साथ-साथ मिर्ची की भी फसल ली जा सकती हैं अपने क्षेत्र के बाजार के अनुसार आप मिर्ची की बुवाई का चयन कर सकते हैं जब आप मिर्ची बोल रहे हो तब ध्यान रखें कि उसकी नर्सरी या पौधों को तैयार कर कर लगाएं जिससे सभी बीजों का सही उपयोग किया जा सकता है वसई दूरी पर पौधे लगाएं पौधे लगाने के बाद उन्हें लहसुन के साथ-साथ खाद्य खुराक देते हैं लहसुन की फसल को निकाल लेने के बाद मिर्ची के पौधों पर थोड़ी और मिट्टी चढ़ा दे वह साथ में ड्रिप अगर आप भी जा सकते हैं तो वह आप की पैदावार को बढ़ा देगी ड्रिप इरिगेशन की सहायता से घुलनशील खाद को देने में आसानी रहती है जिससे समय-समय पर खाद दिया जा सकता है वह लहसुन की फसल निकालने के बाद पौधों पर अच्छी तरह मिट्टी चढ़ा दे वह गर्मी में आप मिर्ची की फसल ले सकते हैं इस तरह आप लहसुन और मिर्ची की मिश्रित खेती कर दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं वह हरी मिर्ची के भाव बाजार में पूरे साल अच्छे रहते हैं वॉइस की मांग बनी रहती हैं जिससे आप एक आय का स्त्रोत तौर पर ले सकते हैं