1 साल से भी कम में लाखों की कमाई देने वाली फसल
औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण बढ़ रही है मांग सहजन की

1 साल से भी कम में लाखों की कमाई देने वाली फसल औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण बढ़ रही है मांग सहजन की


सहजन में औषधीय गुणों के होने के कारण इसकी बढ़ती हुई मांग से किसानों को काफी लाभ हो रहा है सरकार भी नए विकल्पों के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है जिससे वह भी अपना मुनाफा बढ़ा सकें अगर आप कुछ अलग करें तो कृषि क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं और आप भी अगर कुछ हटकर करना चाहते हैं तो आप सहजन की खेती कर सकते हैं और जी गुणों के होने के कारण और सब्जी भी इसकी बाजार में बिकती है इससे आप दोहरा लाभ उठा सकते हैं इसकी खेती भी बहुत आसान है जिससे कम लागत में अधिक मुनाफा हो सकता है और किसानों का लखपति बनने का सपना भी साकार हो सकता है



सहजन की खेती के फायदे

सहजन की खेती में लागत भी कम आती है और भूमि की भी कम आवश्यकता होती है इसके साथ ही आप इंटर क्रॉपिंग में अन्य फसलें भी ले सकते हैं जिससे किसानों को एक अच्छा हमने नहीं होती है बांस का पेड़ कम से कम 10 से 12 वर्षों तक फसल देता है सहजन के पेड़ का हर हिसा लाभप्रद है साजन की जड़ तना छाल और पत्ते भी बिकते हैं इससे हर तरह से आमदनी होती है वह फौजी गुणों से भरपूर होने के कारण यह हमारे शरीर के लिए बहुत अच्छा है इसको हम सब्जी या फिर इसके पत्तों का जूस निकालकर भी सेवन कर सकते हैं जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सक्षम है

कहां हो सकती है इसकी खेती

भारत में ठंडे प्रदेशों को छोड़कर सभी जगह इसकी खेती हो सकती हैं ठंडे प्रदेशों में थोड़ी मुश्किल होती है उसके लिए अनुकूलित तापमान 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तक होता है इसके लिए सीखनी बलुई मिट्टी आशु की बलि मुट्ठी में खेती करना लाभप्रद है

प्रमुख किस्में

इसकी प्रमुख किस्में pkm1 और pkm2 और कोयंबटूर 2 और रोहित 1

कैसे करें साजन की खेती की शुरुआत

सहजन की खेती करने के लिए सर्वप्रथम हमें वीडियो के द्वारा नर्सरी तैयार करनी होती है सबसे पहले बीजों के दिन के समय भिगोकर रख दें वह क्यारियों में सहजन के बीज लगा दे पानी से छिड़काव कर नमी बना दे बीजों के अंकुरण में कुछ समय लग सकता है बीजों से पौधे बनने के बाद आधे से 1 फीट के पौधों को रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं 1 एकड़ में 1000 से 1500 तक लग सकते हैं पर आप अगर 5x9 की दूरी पर पौधे लगाएं तो यह दूरी काफी अच्छी मानी गई है इस दूरी में पौधे लगाने से पहले गोबर के अच्छी साड़ी खाद को बिखेर कर रोटावेटर की सहायता से मिट्टी में मिला दे और पौधे लगाकर उन्हें पानी से सिंचाई करने के बाद आप मिट्टी चढ़ा सकते हैं जिससे पौधा सीधा रहेगा पौधे का गड्ढा कम से कम 2 फीट गहरा जरूर करें और पौधे को अच्छी तरह से लगाएं वह आप अच्छी उपज के लिए और कम पानी की स्थिति में ड्रिप इरिगेशन का भी सहारा ले सकते हैं जिससे कंपनी में अच्छी फसल होती है

उपज की तुड़ाई

सामान्य तो साजन साल में दो बार फल देता है इसमें फरवरी-मार्च और सितंबर अक्टूबर में इसकी पढ़ाई होती है प्रत्येक को देश से लगभग 45 से 50 किलोग्राम सर्जन प्राप्त होता है सहजन की फली का रेसा बनने से पहले तुड़ाई करें जिससे उसकी मांग बनी रहे इसकी फलियों को आप सब्जी के तौर पर भेज सकते हैं वह पत्तियों को सुखाकर भेजा जाता है कई कंपनियां इसका उपयोग दवाइयों में भर्ती है व इस का तेल भी निकाला जाता है जिसको आयुर्वेदिक व एलोपैथिक दवाइयां बनाने में उपयोग लिया जाता है

सहजन कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करता उसका आप स्वयं सेवन कर सकते हैं वह कई प्रकार के मिल्कशेक में लाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है नहीं विदेशों में भी लोग इसका सेवन करते हैं जिससे उनका शरीर स्वस्थ रहता है